प्रेमी-प्रेमिका शायरी - हिंदी शायरी - प्यार शायरी
प्यार इश्वर की असी रचना है की जिसे बड़े बड़े कवी और शायर भी पूरी तरह से अपने शब्दोंमें बया नहीं करसकते | फिरभी इस प्यारे अनुभवको नीचेकी कुछ पंक्तियों के द्वारा बड़ीही भावुक्तासे पेस किया गया हे | उमीद हे आपको ये पसंद आयेगी |
==> आपकों प्यार करने से डर लगता है| <==
“आपकों प्यार करने से डर लगता है
आपकों खोने से डर लगता है
कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद
अब रात में सोने से डर लगता है”
आपकों खोने से डर लगता है
कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद
अब रात में सोने से डर लगता है”
एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ …
प्यार करता हूँ तुझ से , पर कहने से डरता हूँ …
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम ….
इसलिए खामोश रह कर भी ,तेरी धड़कन को सुना करता हूँ
प्यार करता हूँ तुझ से , पर कहने से डरता हूँ …
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम ….
इसलिए खामोश रह कर भी ,तेरी धड़कन को सुना करता हूँ
==> वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना <==
वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना;
वो आपका नजरें झुका के शर्मना;
वैसे आपको पता है या नहीं हमें पता नहीं;
पर इस दिल को मिल गया है उसका नज़राना।
वो आपका नजरें झुका के शर्मना;
वैसे आपको पता है या नहीं हमें पता नहीं;
पर इस दिल को मिल गया है उसका नज़राना।
==> बिन देखे तेरी तस्वीर बना सकते हैं <==
“बिन देखे तेरी तस्वीर बना सकते हैं
बिन मिले तेरा हाल बना सकते है
हमारे प्यार में इतना दम है की
तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं ”
==> आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं <==
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं …
आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं ...
जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से …
तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं …
आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं ...
जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से …
तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं …
==> गुज़रे है आज इश्क के <==
गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।
==> कुछ तो कसूर है आपकी आखों का <==
“दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं ”
कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं ”
==> माना के मर जाने <==
“माना के मर जाने पर भुला दिए जाते है लोग ज़माने में.,
पर मैं तो अभी जिन्दा हूँ फिर कैसे उसने मुझे भुला दिया..??
==> तुम्हारी ज़िद बेमानी है <==
तुम्हारी ज़िद बेमानी है
दिल ने हार कब मानी है
कर ही लेगा वश में तुम्हें
आदत इसकी पुरानी है.
दिल ने हार कब मानी है
कर ही लेगा वश में तुम्हें
आदत इसकी पुरानी है.
==> अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी <==
बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
==> आँखों को जब <==
आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है
कैसे भूल सकता है कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त
जब किसी को किसी की आदत हो जाती है
मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है उसे
के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है
कैसे भूल सकता है कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त
जब किसी को किसी की आदत हो जाती है
मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है उसे
के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है
==> अपने दिल की बात उनसे कह नहीं सकते <==
अपने दिल की बात उनसे कह नहीं सकते,
बिन कहे भी जी नहीं सकते,
ऐ खुदा! ऐसी तकदीर बना,
कि वो खुद हम से आकर कहे कि,
हम आपके बिना जी नही सकते.
बिन कहे भी जी नहीं सकते,
ऐ खुदा! ऐसी तकदीर बना,
कि वो खुद हम से आकर कहे कि,
हम आपके बिना जी नही सकते.
==> खोया हूं तुम्हारे खयालो मे <==
खोया हूं तुम्हारे खयालो मे
जमाने का कोई होश नही
ना समझो मुझे तुम दीवाना
इतना भी मै मदहोश नही
जमाने का कोई होश नही
ना समझो मुझे तुम दीवाना
इतना भी मै मदहोश नही
चला तेरा जादू कुछ ऐसा
धडकन मेरी खामोश नही
नजरें बन गई अब तेरी
मुझमें इनका आघोश नही
धडकन मेरी खामोश नही
नजरें बन गई अब तेरी
मुझमें इनका आघोश नही
==> एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है! <==
क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है!
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है!
लगने लगते है अपने भी पराये!
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है!
लगने लगते है अपने भी पराये!
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!